सिस्टम सुधार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन
20/12/2024 7:36 PM Total Views: 134210
आगरा। विभिन्न मांगों को लेकर एवं विद्युत ऊर्जा के निजीकरण के खिलाफ मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के नाम को तथा छात्रों की समस्याओं को लेकर कुलपति डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा को धरना प्रदर्शन करते हुए सौंपा ज्ञापन राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में बिजली का निजीकरण करने का फैसला किया है तथा इसकी तैयारी भी पूरी तरह से कर ली गई है आने वाले कुछ माह में ही 42 जिलों की बिजली पूरी तरह से निजी कंपनियों के हाथ में होगी जो की गांव गरीब किसान मजदूर का तथा मध्यम वर्ग का शोषण करेंगे तथा अपनी मनमानी करेंगे एवं महंगे दामों पर बिजली बेचेंगे तथा प्रीपेड मीटर के नाम पर फोन रिचार्ज की तरह मीटर रिचार्ज कराए जाएंगे इसका मतलब यही हुआ कि जिसके पास पैसा होगा वह बिजली का प्रयोग करेगा जिसके पास पैसा नहीं होगा वह बिजली से वंचित रहेगा इसका दुष्परिणाम यह भी होगा कि आने वाले समय में विद्युत विभाग में कोई भी किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं होगा क्योंकि जब विद्युत सरकारी विभाग ही नहीं होगा तो विद्युत विभाग में जूनियर सीनियर इंजीनियर तथा संविदा कर्मी तथा अन्य प्रकार की जो भारती हुआ करती थी वही भी पूरी तरह से बंद हो जायेगी अर्थात भविष्य में लाखों लोगों बेरोजगार रहेंगे जो छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ते हैं वह भी विद्युत विभाग में कभी भी सरकारी पद पर कार्य नहीं कर सकेंगे वह प्राइवेट कंपनियों में काम करेंगे तथा उनका शोषण को झेलेंगे। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है कि सिस्टम सुधर संगठन निजीकरण के खिलाफ है क्योंकि इससे गांव गरीब किसान मजदूर तथा मध्यम वर्ग का शोषण होगा एवं विद्युत विभाग के सम्मानित कर्मचारियों द्वारा जो निजीकरण के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है उसमें संगठन का पूर्ण सहयोग रहेगा एवं समर्थन है यदि निजीकरण वापस नहीं लिया गया तो संगठन बड़ा आंदोलन करेगा। इसके साथ ही छात्रों की विभिन्न समस्याओं को लेकर डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति महोदय आंसू रानी को ज्ञापन सोपा गया तथा ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि विश्व विद्यालय कैंपस में दाखिला लेने के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में जो विद्यार्थी प्रतिभा करते हैं उनकी कॉपियां सही ढंग से चेक नहीं की जाती है तथा इसके चलते किसान मजदूर के बच्चे कैंपस में एडमिशन नहीं ले पाते हैं एवं जिन छात्रों ने कैंपस एवं अलग-अलग कॉलेज से जो भी शिक्षा प्राप्त की है उनकी मार्कशीट तथा डिग्रियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही है तथा जिन छात्रों को मार्कशीट एवं डिग्रियां दी गई है उनके मार्कशीट और डिग्री पर नाम गलत है या फिर पिता का नाम गलत है या फिर फोटो नहीं लगे आ रहे हैं जिसके चलते छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है संगठन द्वारा कुलपति को अवगत कराया गया कि छात्रों की समस्याओं को देखते हुए तथा लंबे समय से विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं उसे तत्काल प्रभाव से कराएं जाए। इस को लेकर कुलपति ने आश्वस्त किया की बहुत जल्द जो भी किसानों की समस्याएं हैं उनका समाधान किया जाएगा और बहुत जल्द छात्र संघ के चुनाव भी कराए जाएंगे संगठन द्वारा भी स्पष्ट रूप से कहा गया कि यदि ऐसा नहीं होता है तो सिस्टम सुधार संगठन बहुत जल्द कैंपस में बड़ा आंदोलन करेगा जिसके जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।